विरासत में मिली है मुझे,अमानत मुस्कुराने की
इस पर भी नज़र है देखो, ज़ालिम ज़माने की।
विरासत में मिली है मुझे,अमानत मुस्कुराने की
इस पर भी नज़र है देखो, ज़ालिम ज़माने की।
मुझे मेरी उङान ढूँढने दो।
खोई हुई पहचान ढूँढने दो।
महाभारत का युद्ध हो चुका
द्वारका नगरी बस चुकी है
वो तस्वीर देखी है?
जिसमे किसी समंदर किनारे…
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