अनन्त

Published by Rudra

August 14, 2020

जो परिभाषित नहीं हो सकता


वही अनन्त है

फ़िर प्रेम हो

…………या ईश्वर

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जंगल का फूल

पौधे और झाड़ियां तो बगिया की शान हैं,
पर फूलों में ही रहती, बगिया की जान है।

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ख़ूबसूरत मोड़

ये भूली बिसरी बातें और यादें उस सफ़र की थी
था मुनफ़रिद मैं राह पर, न चाह मुस्तक़र की थी

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نظم

مختصر کہانی جسکےمختلف جہات
کچھ حسین یادیں ،اک حسین واردات

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