जो परिभाषित नहीं हो सकता
वही अनन्त है
फ़िर प्रेम हो
…………या ईश्वर
जो परिभाषित नहीं हो सकता
वही अनन्त है
फ़िर प्रेम हो
…………या ईश्वर
मुझे मेरी उङान ढूँढने दो।
खोई हुई पहचान ढूँढने दो।
महाभारत का युद्ध हो चुका
द्वारका नगरी बस चुकी है
वो तस्वीर देखी है?
जिसमे किसी समंदर किनारे…
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