मेरे मसीहा मैं जी उठूँगी, दुआएँ दे दे दवा से पहले
हयात में नूर बन के आजा,ग़मों की काली घटा से पहले
वो बेवफ़ा हो गया है फिर भी,उसी की यादों में ग़ुम रहूँगी
ये कैसे भूलूँ कि उसने मुझसे,वफ़ा भी की है जफ़ा से पहले
जो चाहते हैं मदद सभी से,जलील होते हैं वो जहाँ में
नवाज़ती है उन्हीं को दुनिया,जो माँगते हैं ख़ुदा से पहले
वतन बचाने का वक़्त है ये,मकाँ बचाने की फ़िक्र छोड़ो
मेरे भी हाथों में दे दो परचम,मेरे बुजुर्गों हिना से पहले
खताएँ मुझसे हुई हैं लेकिन,मुझे यकीं है तू बख्श देगा
मैं हश्र के दिन पुकार लूँगी,तेरे करम को सज़ा से पहले
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