जिन्दगी की डोली
बस, सफर में रहती है
कुछ बेटियां
ब्याह दी जाती हैं, इतनी दूर
बाप का चौखट छूटता है जबसे
‘घर’ नसीब नही होता…
जिन्दगी की डोली
बस, सफर में रहती है
कुछ बेटियां
ब्याह दी जाती हैं, इतनी दूर
बाप का चौखट छूटता है जबसे
‘घर’ नसीब नही होता…
पौधे और झाड़ियां तो बगिया की शान हैं,
पर फूलों में ही रहती, बगिया की जान है।
ये भूली बिसरी बातें और यादें उस सफ़र की थी
था मुनफ़रिद मैं राह पर, न चाह मुस्तक़र की थी
مختصر کہانی جسکےمختلف جہات
کچھ حسین یادیں ،اک حسین واردات
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