और वो लड़कियाँ
जो…
अपने लिए नही
अपनों के लिए जीं
ईश्वर की कक्षा में
सबसे प्रिय छात्रा रहीं
प्रत्येक परीक्षा के लिए…
ईश्वर ने
उनका ही नाम आगे भेजा
अनुत्तीर्ण हुईं भी तो
स्वयं ईश्वर ने,
उनका ढाँढस बंधाया
और वो लड़कियाँ
जो…
अपने लिए नही
अपनों के लिए जीं
ईश्वर की कक्षा में
सबसे प्रिय छात्रा रहीं
प्रत्येक परीक्षा के लिए…
ईश्वर ने
उनका ही नाम आगे भेजा
अनुत्तीर्ण हुईं भी तो
स्वयं ईश्वर ने,
उनका ढाँढस बंधाया
पौधे और झाड़ियां तो बगिया की शान हैं,
पर फूलों में ही रहती, बगिया की जान है।
ये भूली बिसरी बातें और यादें उस सफ़र की थी
था मुनफ़रिद मैं राह पर, न चाह मुस्तक़र की थी
مختصر کہانی جسکےمختلف جہات
کچھ حسین یادیں ،اک حسین واردات
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