मुझे मेरी उङान ढूँढने दो।
खोई हुई पहचान ढूँढने दो।
आवाज़ दबाई गई मेरी,
कहा गया है ये मुझको,
सुनेगा न कोई तुझ को,
पहुँचे जो हर कान तक
मुझको वो अज़ान ढूँढने दो।
खोई हुई पहचान ढूँढने दो।
बता के मुझे फूल सी,
मसला,कुचला गया,
ठोकर दे जो सब को
मुझे वो पाषाण ढूँढने दो।
खोई हुई पहचान ढूँढने दो।
मर्दो को जन्मा मैने,
जग ये जानता है,
न कहे जो मुझको दासी
वो भगवान ढूँढने दो।
खोई हुई पहचान ढूँढने दो।
लाज क्यू मेरा गहना,
क्यू मुझको ही सहना,
पंख फैला कर उङ जाऊ
ऐसा खुला आसमान ढूँढने दो।
खोई हुई पहचान ढूँढने दो।
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