…खेमेबाजियाँ साफ़ कहती है

Published by Baraj

August 15, 2020

खेमेबाजियाँ साफ़ कहती है
यहाँ कोई खुदा नही रहता

रूह की बात पे गर सब चलते
कोई मजहब जुदा नही रहता

किसी को छोटा करके ‘बराज’
दुनिया में कोई बड़ा नही रहता

Recently Published:

जंगल का फूल

पौधे और झाड़ियां तो बगिया की शान हैं,
पर फूलों में ही रहती, बगिया की जान है।

read more

ख़ूबसूरत मोड़

ये भूली बिसरी बातें और यादें उस सफ़र की थी
था मुनफ़रिद मैं राह पर, न चाह मुस्तक़र की थी

read more

نظم

مختصر کہانی جسکےمختلف جہات
کچھ حسین یادیں ،اک حسین واردات

read more

0 Comments

%d bloggers like this: