by Sanjeev Singh | Feb 16, 2021 | Hindi, Poetry, Sanjeev Singh
पौधे और झाड़ियां तो बगिया की शान हैं, पर फूलों में ही रहती, बगिया की जान है। माली की बगिया में शान तो खूब थी, पर था कोई फूल नहीं, बगिया बेज़ान थी। एक फूल की तलाश में, वह माली शूलों पर चलता रहा, भटकता रहा कई दिनों वह दुर्गम जंगलों में, पत्थरों...
by Uday Kamath | Feb 15, 2021 | Hindi, Poetry, Uday Kamath
ये भूली बिसरी बातें और यादें उस सफ़र की थीथा मुनफ़रिद मैं राह पर, न चाह मुस्तक़र की थीन ख़ौफ़ कोई रात का, न आरज़ू सहर की थीन धूप से कोई थकन, न जुस्तजू शजर की थीन पास रहनुमा मिरे, न कोई मुन्तख़ब डगरसुकूत से था मुतम’इन, कमी ज़रूर थी मगरदिखी मुझे वो अजनबी, वो भीड़ से...
by Sanjeev Singh | Feb 15, 2021 | Hindi, Poetry, Sanjeev Singh
मृत जीव – जंतु – वृक्ष – पत्ते, झर – झर,गिर रहे प्राणहीन होकर भू पर, शर – शर।अनल के एक कण से फैला,विश्वारण्य में एक दावानल। चर – अचर, निशाचर सब,जर रहे धूं – धूं कर,धूम्र की चादरों से ढक गया है – नीलाम्बर,अस्त हुआ रवि तब,...
by Poonam Rajput | Dec 14, 2020 | Hindi, Poetry, Poonam Rajput
महाभारत का युद्ध हो चुका द्वारका नगरी बस चुकी है सैकड़ों रमणियों को वर चुके कृष्ण अब लौट रहे हैं बृज की और मस्तक में राधा की भोली छवि उभरती है अश्रुपूरित नयनों से उसी कदम्ब के नीचे बाट जोहती होगी जहां मैं उसे बिलखता छोड़ आया था इतने वर्षों के वियोग की क्षमा मांग लूंगा...
by Poonam Rajput | Sep 24, 2020 | Hindi, Poetry, Poonam Rajput
वो तस्वीर देखी है?जिसमे किसी समंदर किनारेएक पुरानी सी बेंच परएक वृद्ध जोड़ा बैठा हुआउठती गिरती लहरों को देखतेहुएपंछियों के शोर को सुनतेहुएभीगी रेत पे पाँव गड़ोये हुएताज़ी हवा को कमजोर पड़तीसाँसों में भरते हुएएक दूसरे को देखकरमुस्कुराता हैउन आखों में अब शिकवेशिकायतें...
by Dr. Amit Singh | Sep 24, 2020 | Dr. Amit Singh, Hindi, Poetry
जो राह-ए-मुहब्बत न नज़र आई ज़रा औरछाई दिल-ए-माायूस पे तन्हाई ज़रा और होता न ये ज़ुल्मत मेरी तक़दीर पे क़ाबिज़गर रौशनी तू होती शनासाई ज़रा और मुश्किल में था सूरज मेरा, बिन शाम ढला आजवर्ना अभी चलती मेरी परछाई ज़रा और बदनाम मेरी ज़ीस्त यहाँ कम थी ज़रा क्याजो मौत ने शोहरत...