…नई-नई है

ख़ामोश लब हैं झुकी हैं पलकें, दिलों में उल्फ़त नई-नई है,अभी तक़ल्लुफ़ है गुफ़्तगू में, अभी मोहब्बत नई-नई है। अभी न आएँगी नींद तुमको, अभी न हमको सुकूँ मिलेगाअभी तो धड़केगा दिल ज़ियादा, अभी मुहब्बत नई नई है। बहार का आज पहला दिन है, चलो चमन में टहल के आएँफ़ज़ा में ख़ुशबू...

…पहले

मेरे मसीहा मैं जी उठूँगी, दुआएँ दे दे दवा से पहलेहयात में नूर बन के आजा,ग़मों की काली घटा से पहले वो बेवफ़ा हो गया है फिर भी,उसी की यादों में ग़ुम रहूँगीये कैसे भूलूँ कि उसने मुझसे,वफ़ा भी की है जफ़ा से पहले जो चाहते हैं मदद सभी से,जलील होते हैं वो जहाँ मेंनवाज़ती है...

मेरे पास रहो

तुम मुझे छोड़ के मत जाओ मेरे पास रहो,दिल दुखे जिससे अब ऐसी न कोई बात कहो, रोज़ रोटी के लिए अपना वतन मत छोड़ो,जिसको सींचा है लहू से वो चमन मत छोड़ो,जाके परदेस में चाहत को तरस जाओगे,ऐसी बेलौस मोहब्बत को तरस जाओगे,फूल परदेस में चाहत का नहीं खिलता है,ईद के दिन भी गले कोई...