…मुझे

सुला चुकी थी ये दुनिया थपक थपक के मुझेजगा दिया तेरी पाज़ेब ने खनक के मुझे कोई बताये के मैं इसका क्या इलाज करूँपरेशां करता है ये दिल धड़क धड़क के मुझे ताल्लुकात में कैसे दरार पड़ती हैदिखा दिया किसी कमज़र्फ ने छलक के मुझे हमें खुद अपने सितारे तलाशने होंगेये एक जुगनू ने...

खलल पड़ता हैं

रोज़ तारों को नुमाइश में खलल पड़ता हैंचाँद पागल हैं अंधेरे में निकल पड़ता हैं मैं समंदर हूँ कुल्हाड़ी से नहीं कट सकताकोई फव्वारा नही हूँ जो उबल पड़ता हैं कल वहाँ चाँद उगा करते थे हर आहट परअपने रास्ते में जो वीरान महल पड़ता हैं ना त-आरूफ़ ना त-अल्लुक हैं मगर दिल...

बुलाती है मगर जाने का नईं

बुलाती है मगर जाने का नईंये दुनिया है इधर जाने का नईं मेरे बेटे किसी से इश्क़ करमगर हद से गुजर जाने का नईं सितारें नोच कर ले जाऊँगामैं खाली हाथ घर जाने का नईं वबा फैली हुई है हर तरफअभी माहौल मर जाने का नईं वो गर्दन नापता है नाप लेमगर जालिम से डर जाने का...