by Editor-in-Chief | Aug 14, 2020 | Hindi, Naresh Sexana, Poetry
मुझे एक सीढ़ी की तलाश हैसीढ़ी दीवार परचढ़ने के लिए नहींबल्कि नींव में उतरने के लिएमैं किले को जीतना नहींउसे ध्वस्त कर देना चाहता...
by Editor-in-Chief | Aug 14, 2020 | Hindi, Naresh Sexana, Poetry
ख़त्म हुआ ईंटों के जोड़ का तनावप्लास्टर पर उभर आई हल्की-सी मुस्कानदौड़ी-दौड़ी चीटियाँ ले आईं अपना अन्न-जलफूटने लगे अंकुरजहाँ था तनाव वहाँहोने लगा उत्सवहँसीहँसी हँसते-हँसते दोहरी हुई जाती है...
by Editor-in-Chief | Aug 14, 2020 | Hindi, Naresh Sexana, Poetry
अरे कोई देखोमेरे आंगन में कट करगिरा मेरा नीमगिरा मेरी सखियों का झूलनाबेटे का पलना गिरागिरी उसकी चिडि़यांदेखो उड़ा उनका शोरदेखो एक घोंसला गिरा-देखो वे आरा ले आए ले आए कुल्हाड़ीऔर रस्सा ले आएउसे बांधनेदेखो कैसे काँपी उसकी छायाउसकी पत्तियों की छायाजिनसे घाव मैने पूरेदेखो...
by Editor-in-Chief | Aug 14, 2020 | Hindi, Naresh Sexana, Poetry
कुछ बच्चे बहुत अच्छे होते हैंवे गेंद और ग़ुब्बारे नहीं मांगतेमिठाई नहीं मांगते ज़िद नहीं करतेऔर मचलते तो हैं ही नहीं बड़ों का कहना मानते हैंवे छोटों का भी कहना मानते हैंइतने अच्छे होते हैं इतने अच्छे बच्चों की तलाश में रहते हैं हमऔर मिलते हीउन्हें ले आते हैं...