रंग

अगर मैं तुम्हें पेंट कर सकता तो…? रंगों के इस जमघट में… कौन सा रंग हो तुम??? नीला… आसमान सा कुछ..? गुलाबी तो कतई नहीं.. या हरा.. गहरा घने पेड़ जैसा कुछ। पीला तो नहीं हो.. सफेद!!!.. नहीं, नीरस सफेद नहीं.. बादलों सा भरा हुआ सफेद। कौन सा रंग हो तुम? तुम्हें बनाते...

वह कहीं गायब है

वह कहीं गायब है…वह कोने में खड़ा महत्वपूर्ण था।उसकी जम्हाई में मेरी बात अपना अर्थ खो देती थी।वह जब अंधेरे कोने में गायब हो जाता तो मैं अपना लिखा फाड़ देता।वह कहीं गायब है….’वह फिर दिखेगा’… कब?मैं घर के कोनों में जाकर फुसफुसाता हूँ।’सुनों… अपने घर में कुछ फूल आए...

भाग्य रेखा

मेरे हाथों की रेखाएँ,तुम्हारे होने की गवाही देती हैं जैसे मेरी मस्तिष्क रेखा….मेरी मस्तिष्क रेखा,तुम्हारे विचार मात्र से,अन-शन पे बैठ जाती है। और मेरी जीवन रेखावो तुम्हारे घर की तरफ मुड़ी हुई है। मेरी हृदय रेखातुम्हारे रहते तो ज़िन्दा हैं,पर तुम्हारे जाते ही धड़्कना बंद...

रात

सभी अपने-अपने तरीक़े से रात के साथ सोते हैंहर आदमी का रात के साथ एक संबंध होता हैअगर यह संबंध अच्छा हैतब आपको नींद आ जाती हैअगर यह संबंध ख़राब हैतब आपके जीवन के छोटे-छोटे अँधेरेरात के अँधेरे में घुस आते हैंऔर आपको सोने नहीं...