by Editor-in-Chief | Aug 14, 2020 | Aazim Kohli, Hindi, Poetry
इक रोज़ वफ़ा के मेले मेंजब दोनों थे तो अकेले मेंकुछ तुम ने कहा,कुछ हम ने सुना रुक रुक कर सहजे सहजे मेंराधा और कृष्ण के लहजे मेंकुछ तुम ने कहा,कुछ हम ने सुना कुछ ढूँढ़ के दिल के बस्ते मेंफूलों से महकते रस्ते मेंकुछ तुम ने कहा,कुछ हम ने सुना इक वज़्द में हम और तुम हो...
by Editor-in-Chief | Aug 14, 2020 | Aazim Kohli, Hindi, Poetry
पासे बह के रोणा कीदिल दे ढायां होणा की इश्क़ समूला चाहीदैअध्धा की ते पोणा की नफ़रत वस्से वेहड़े विचबूहे तेल दा चोणा की मुड़ मुड़ कीतीयां भुलां नूंगंगा जा के धोणा की दिन दे चड़ेयां आज़िम जीमक्कर मार के सोणा...
by Editor-in-Chief | Aug 14, 2020 | Aazim Kohli, Hindi, Poetry
हर तलब मेरी वो सुनता देखता है दोस्तोसाथ मेरे हर नफ़स मेरा ख़ुदा है दोस्तो कुछ भी ता हद्द ए नज़र साबित नज़र आता नहींबट गया हूँ मैं कि मंज़र बट गया है दोस्तो अज़्म भी है ज़ीस्त की लहरें भी हैं बिफरी हुईंऔर हाथों में मिरे कच्चा घड़ा है...