by Surinder Kaur | Dec 16, 2020 | Hindi, Surinder Kaur
मुझे मेरी उङान ढूँढने दो।खोई हुई पहचान ढूँढने दो। आवाज़ दबाई गई मेरी,कहा गया है ये मुझको,सुनेगा न कोई तुझ को,पहुँचे जो हर कान तकमुझको वो अज़ान ढूँढने दो।खोई हुई पहचान ढूँढने दो। बता के मुझे फूल सी,मसला,कुचला गया,ठोकर दे जो सब कोमुझे वो पाषाण ढूँढने दो।खोई हुई पहचान...
by Poonam Rajput | Dec 14, 2020 | Hindi, Poetry, Poonam Rajput
महाभारत का युद्ध हो चुका द्वारका नगरी बस चुकी है सैकड़ों रमणियों को वर चुके कृष्ण अब लौट रहे हैं बृज की और मस्तक में राधा की भोली छवि उभरती है अश्रुपूरित नयनों से उसी कदम्ब के नीचे बाट जोहती होगी जहां मैं उसे बिलखता छोड़ आया था इतने वर्षों के वियोग की क्षमा मांग लूंगा...
by Poonam Rajput | Sep 24, 2020 | Hindi, Poetry, Poonam Rajput
वो तस्वीर देखी है?जिसमे किसी समंदर किनारेएक पुरानी सी बेंच परएक वृद्ध जोड़ा बैठा हुआउठती गिरती लहरों को देखतेहुएपंछियों के शोर को सुनतेहुएभीगी रेत पे पाँव गड़ोये हुएताज़ी हवा को कमजोर पड़तीसाँसों में भरते हुएएक दूसरे को देखकरमुस्कुराता हैउन आखों में अब शिकवेशिकायतें...
by Dr. Amit Singh | Sep 24, 2020 | Dr. Amit Singh, Hindi, Poetry
जो राह-ए-मुहब्बत न नज़र आई ज़रा औरछाई दिल-ए-माायूस पे तन्हाई ज़रा और होता न ये ज़ुल्मत मेरी तक़दीर पे क़ाबिज़गर रौशनी तू होती शनासाई ज़रा और मुश्किल में था सूरज मेरा, बिन शाम ढला आजवर्ना अभी चलती मेरी परछाई ज़रा और बदनाम मेरी ज़ीस्त यहाँ कम थी ज़रा क्याजो मौत ने शोहरत...
by Ms Kaur | Aug 15, 2020 | Hindi, Poetry, Prabhjot Kaur
क्यों नमैं और तुम, एक किताब लिखें! ज़िन्दगी के लेखों काथोड़ा हिसाब लिखें, जिसमें, भूतों से भयानक कर्ज़ों का ज़िक्र हो,बूढ़े बाप की पेशानियों परबच्चों की फ़िक्र हो, तपती सी ज़िन्दगी मेंदो शीतल पल प्यार के हों, कुछ एक पन्ने तोसहेलियोंऔर यार के हों, जो बिछड़ गए हैं,उनका...
by Baraj | Aug 15, 2020 | Baraaj, Hindi, Poetry
बगैर तैराकी के जिनकी पीठ थपथपाई गयीवे उतरे जरूर दरिया में मगर लौटके नही आये