नारी

मुझे मेरी उङान ढूँढने दो।खोई हुई पहचान ढूँढने दो। आवाज़ दबाई गई मेरी,कहा गया है ये मुझको,सुनेगा न कोई तुझ को,पहुँचे जो हर कान तकमुझको वो अज़ान ढूँढने दो।खोई हुई पहचान ढूँढने दो। बता के मुझे फूल सी,मसला,कुचला गया,ठोकर दे जो सब कोमुझे वो पाषाण ढूँढने दो।खोई हुई पहचान...