जंगल का फूल

पौधे और झाड़ियां तो बगिया की शान हैं,  पर फूलों में ही रहती, बगिया की जान है।  माली की बगिया में शान तो खूब थी,  पर था कोई फूल नहीं, बगिया बेज़ान थी। एक फूल की तलाश में, वह माली शूलों पर चलता रहा,  भटकता रहा कई दिनों वह दुर्गम जंगलों में, पत्थरों...

दावानल

मृत जीव – जंतु – वृक्ष – पत्ते, झर – झर,गिर रहे प्राणहीन होकर भू पर, शर – शर।अनल के एक कण से फैला,विश्वारण्य में एक दावानल। चर – अचर, निशाचर सब,जर रहे धूं – धूं कर,धूम्र की चादरों से ढक गया है – नीलाम्बर,अस्त हुआ रवि तब,...