by Himanshu Rai | Aug 14, 2020 | Himanshu Rai, Hindi, Poetry
यहाँ से जाने से पूर्वएक बारभिक्षापात्र लेकरहर चौखट पर जाऊँगासबसे, उनकी उदासियां मांगने.. चाहता हूं मेरी कविताओं के अतिरिक्तसंसार मेंकुछ भी उदास न...
by Himanshu Rai | Aug 14, 2020 | Himanshu Rai, Hindi, Poetry
मैं मरूंगादम घुटने सेमेरे गले परउन सारे शब्दों के निशान होंगे जिन्हें मैं कह नही पाया…
by Himanshu Rai | Aug 14, 2020 | Himanshu Rai, Hindi, Poetry
मैने समुद्र नही देखा..लोगों का भरा हुआ मन देखा है मैने कोई पर्वत नहीं देखा..दुःख से पत्थर हुए लोगों को देखा है.. और मन कहता है बार-बार.. समुद्र और भरा हुआ मनपर्वत और पत्थर बन चुके लोग…… एक जैसे होते हैं न...
by Himanshu Rai | Aug 14, 2020 | Himanshu Rai, Hindi, Poetry
जिन्दगी की डोलीबस, सफर में रहती है कुछ बेटियांब्याह दी जाती हैं, इतनी दूर बाप का चौखट छूटता है जबसे’घर’ नसीब नही...
by Himanshu Rai | Aug 14, 2020 | Himanshu Rai, Hindi, Poetry
कभी जो, छूट गया ये साथ..कहाँ जाऊंगाकभी जो, कह न पाया बात..कहाँ जाऊंगा ये रात ही तो है..मेरे दुःख सुनती है..ढांढस बँधाती है कभी जो थक गई ये रात…कहाँ...