Amrita Pritam

उपन्यासकार, कवयित्री

Her Story

जन्म – 1919, गुजरांवाला ( तब का भारत अब पाकिस्तान में)
अमृता प्रीतम,पंजाबी साहित्य का एक ऐसा नाम है जो किसी परिचय का मोहताज नही। बल्कि अमृता को पंजाबी की पहली कवयित्री माना जाता है। इनकी लिखी पुस्तकों का दुनियाभर की कई भाषाओं में अनुवाद हुआ और साहित्य में इनके योगदान के लिए भारत सरकार ने इन्हें भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्मविभूषण से सम्मानित किया। इसके अलावा भी इन्हें अनेकों पुरस्कार व सम्मान प्राप्त हुए।
प्रमुख कृतियां –
1- उपन्यास – पिंजर , पांच बरस लंबी सड़क, अदालत, कोरे कागज़, उनचास दिन, सागर और सीपियाँ, तेरहवाँ सूरज।
2-आत्मकथा – रसीदी टिकट
3- कहानी संग्रह – कहानियां जो कहानियां नही है, कहानियो के आंगन में।
4- संस्मरण – कच्चा आंगन, एक थी सारा।
5- कविता संग्रह – चुनी हुई कविताएं।
लेखक ने कुल मिलाकर 100 पुस्तकें लिखी और पंजाबी-हिंदी साहित्य में अतुलनीय योगदान दिया।

Notable Work

ਚੇਤਰ

ਚੇਤਰ ਦਾ ਵਣਜਾਰਾ ਆਇਆ
ਬੁਚਕੀ ਮੋਢੇ ਚਾਈ ਵੇ

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ਅੱਜ ਆਖਾਂ ਵਾਰਸ ਸ਼ਾਹ ਨੂੰ ਕਿਤੋਂ ਕਬਰਾਂ ਵਿਚੋਂ ਬੋਲ।
ਤੇ ਅੱਜ ਕਿਤਾਬੇ ਇਸ਼ਕ ਦਾ ਕੋਈ ਅਗਲਾ ਵਰਕਾ ਫੋਲ।
ਇਕ ਰੋਈ ਸੀ ਧੀ ਪੰਜਾਬ ਦੀ ਤੂੰ ਲਿਖ ਲਿਖ ਮਾਰੇ ਵੈਣ।
ਅਜ ਲੱਖਾਂ ਧੀਆਂ ਰੋਂਦੀਆਂ ਤੈਨੂ ਵਾਰਸ ਸ਼ਾਹ ਨੂੰ ਕਹਿਣ।

– Amrita Pritam